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सेवा में श्रीमान,
डी जी पी महोदय लखनऊ उ० प्र०
महोदय सविनय निवेदन है की मै प्रार्थी किशन वर्मा अन्याय पूर्व तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा हूँ। की दिनांक 25 /03 / 2021 को जानवी शर्मा नाम की महिला द्वारा मुझ प्रार्थी से विवाह करने हेतु एक दबावपूर्ण प्रार्थना पत्र चिनहट कोतवाली में दिया गया। जिसमे सत्य से दूर अनगर्ल बाते कही गयी थी। जिस पर चिनहट कोतवाली पुलिस द्वारा मुझ प्रार्थी को बुलाया गया तत्कालीन इस्पेक्टर श्री धनन्जय पांडेय के सामने हमदोनो पेश हुए तथा आपसी बातचीत से मामला शुल्हा समझौता हो गया था। चुकी जानवी शर्मा एक विवाहित महिला है जिसके ऊपर ढेड़ से दो लाख रुपये ऋण है। और उस महिला का एक ही रट था की मुझ प्रार्थी से विवाह करना है जिस पर उन्होंने खुद कोतवाली परिषद् में समझौता नामा दिनांक 27 /03 /2021 पुलिस वालो की उपस्थिति में लिखा की मै अपना तहरीर वापस ले रही हूँ तथा प्रार्थी पर किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही नहीं चाहती हूँ। यदि मेरे पति से तलाक विधि सम्मत हो जाता है। और मेरा ऋण समाप्त हो जाता है। तो प्रार्थी मुझसे विवाह करेगा। इस प्रकार हमारा समझौता हो गया था। चुकी, विवाहित महिला से बिना विधि सम्मत तलाक के यदि प्रार्थी विवाह कर ले तो हिन्दू विवाह अधिनियम के जरिये विवाह को वैद्यता शुन्य ही होगी। अत: तलाक होना आवश्यक है। किन्तु बिना तलाक के फिरसे चिनहट कोतवाली से फ़ोन करा दिया करती है तथा प्रार्थी मानसिक प्रताड़ित हो जाता जबकि, प्रार्थी की उम्र 23 वर्ष है और महिला 15 -20 वर्ष से विवाहित है यह अलग से मानसिक प्रताड़ना का कारण बनता है। किन्तु, समझौता के तहत हम भी राजी है। पर न्याय और विधि विरूद्ध विवाह करना संभव नहीं है।
अत: श्रीमान जी से प्रार्थना है, की प्रार्थी के न्याय हित में निर्देशित करने की कृपा करे। जिससे रोज रोज की प्रताड़ना से स्थाई मुक्ति मिल सके आपकी महान कृपा होगी।
सालगंक - आपसी समझौता की छायाप्रति
प्रार्थी
किशन वर्मा
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